
कुंडली का सप्तम भाव विवाह और वैवाहिक जीवन से संबंधित होता है। इस के आधार पर किसी भी व्यक्ति के वैवाहिक जीवन की भविष्यवाणी आसानी से की जा सकती है। आईये जानते है किसी व्यक्ति का वैवाहिक जीवन कैसा हो सकता है कुंडली के सप्तम भाव से।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली का सप्तम भाव मेष राशि का है तो उसका जीवन साथी भवन, भूमि, और कई अनेक सम्पति का मालिक होता है। इनका वैवाहिक जीवन सुखी और समृद्धि होता है।
वर्ष राशि की कुंडली में अगर सप्तम भाव होता है तो उसका जीवन साथी सुंदर और गुणवान होता है। साथी मीठा बोलने वाला और पत्नी की बात मानने वाला होता है।
अगर सप्तम भाव मिथुन राशि में होता है तो उनका पति सामान्य दिखने वाला, समझदार और अच्छे विचारो वाला होता है। और चतुर व्यवसायी होता है।
कर्क राशि में अगर सप्तम भाव होता है तो उनका पति सुंदर रंग रूप वाला होता है। उनका पति घर परिवार में मान सम्मान प्राप्त करता है।
अगर सप्तम भाव सिंह राशि में हो तो पति खुद की बात मनवाने वाला होता है। लेकिन ईमानदार होता है।
कन्या राशि वाली लड़की की कुंडली में अगर सप्तम भाव होता है। गुणवान होता है और उनका वैवाहिक जीवन काफी अच्छा होता है।
यदि कुंडली में सप्तम भाव तुला राशि का हो तो जीवन साथी हर समस्या में पत्नी का साथ देने वाला और सुंदर होता है।
यदि कुंडली में सप्तम भाव वृश्चिक राशि में हो तो उनका पति कठिन परिश्रम करने वाला होता है।
जिस कन्या के कुंडली में सप्तम भाव धनु राशि में होता है उनका पति स्वाभिमानी होता है। सामान्य जीवन व्यतीत करता है।
मकर राशि में सप्तम भाव होने वाली कन्या का जीवन साथी धार्मिक कार्य में रूचि रखता है।
अगर कुम्भ राशि में सप्तम भाव होता है तो लड़की का वैवाहिक जीवन मधुर होता है। और सभी सुख सुविधा वाला होता है।
अगर सप्तम भाव मीन राशि में होता है तो पति गुणवान और धार्मिक होता है। परिवार में सम्मान प्राप्त करता है।