
माता की आराधना का पर्व नवरात्र वैसे हो ९ दिन तक मनाई जाती है और नवरात्रि के दिनों माता की आराधन की जाती है, मगर इस बार ४३७ साल बाद यह शुभ अवसर आया है जब हम माता की आरधना ९ नही बल्कि १० दिन तक करेंगे, जी हाँ,शास्त्रो के अनुसार ४२७ साल बाद ग्रहो का ऐसा शुभ योग आया है.
ग्रन्थों के अनुसार नवरात्रि में हर तिथि के हर दिन माता के विशेष रूप का पूजन किया जाता है, माता भक्तो की हर मनोकामना पूरी करती है, तो जानिए नवरात्र में किस दिन माता के किस रूप की पूजा की जाती है.
हिमालय की पुत्री माँ शैलीपुत्री
माँ शैलीपुत्री को हिमालय की पुत्री के नाम से भी जाना जाता है. हिमालय हमारे शक्ति, आधार और स्थिरता का प्रतिक है. माँ शैलीपुत्री को अखण्डता का सौभाग्य माना जाता है. नवरात्र के प्रथम दिन माँ शैलीपुत्री की आराधना की जाती है. शक्तिमान व स्थायित्व के लिए माँ शैलीपुत्री की पूजा करनी चाहिए, जिससे जीवन में स्थिरता आती है.
माँ ब्रह्मचारिणी; तप और शक्ति का प्रतिक
नवरात्र के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है, माँ ब्रह्मचारिणी शक्ति और तप का प्रतिक है. माँ ब्रह्मचारिणी भक्तो को तप करने की शक्ति देती है ऐसा कहा जाता है की माँ ब्रह्मचारिणी का सन्देश है की बिना तप और कठोर परिश्रम के हम सफलता को प्राप्त नही कर सकते है, इसलिए हमे हमेशा तप और मेहनत करते रहना चाहिए।
माँ चंद्रघंटा; कष्टो को दूर करती
नवरात्रि का तीसरा दिन माता चंद्रघंटा को समर्पित है, ऐसा कहा जाता है, माता ने असुरो के साथ युद्ध में घँटे की टँकार से असुरो का नाश किया था और इनके मस्तक पे घंटा के आकार का चंद्रघंटा है.
माँ कूष्मांडा
नवरात्रि के चतुर्थी तिथि के दिन पूजा की जाती है माता कूष्मांडा की, इनकी भक्ति करने वाले को धन्य-धान्य और सुख संपदा का आशीर्वाद मिलता है साथ ही साथ अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त होता है.
शांति और सुख की माता; स्कंदमाता
नवरात्रि के पंचमी तिथि के दिन पूजा की जाती है, स्कंदमाता अपने भक्तो को सुख शांति प्रदान करती है.
माँ कात्यायनी; भय का नाश करने वाली
कात्यायनी षष्टी तिथि के दिन पूजा की जाती है. माँ कात्यायनी आदि शक्ति का स्वरूप है. महर्षि कात्यायनी की तपस्या से प्रसन्न होकर माँ दुर्गा ने उनके यहाँ पुत्री के रूप में जन्म लिया था, इसलिए कात्यायनी कहलाती है.
माँ कालयात्री
महाशक्ति दुर्गा का सांतवा रूप; काल का नाश करने वाली है. माँ कालयात्री भय, कष्ट दूर करती है.
माँ महागौरी
माँ महागौरी की पूजा नवरात्रि के आठवे दिन करी जाती है, माँ महागौरी की पूजा करने से मन की शांति मिलती है.
माँ सिद्धिदात्री की पूजा; सुख सम्रद्धि के लिए,
नवरात्रि के अंतिम दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. माँ सिद्धिदात्री भक्तो को हर प्रकार की सिद्धि प्रदान करती है. अंतिम दिन भक्तो को पूजा के समय अपना सारा ध्यान निवार्ण चक्र, जो की हमारे कपाल के मध्य स्थित होता है वहा होना चाहिए. जिससे भक्तो को सुख शांति प्राप्त होती है.