
भारतीय संस्कृति में धार्मिक कृत्यों का अपना महत्व है। विभिन्न धर्म ग्रंथों, वेद, पुराण आदि में अनेक ऐसे मंत्र और अनुष्ठान दिए गए हैं जिनके द्वारा जटिल से जटिल बीमारियों, कष्टों, समस्याओं का निवारण संभव है। यहां तक कि अकाल मृत्यु और दुर्घटना से बचाव के लिए इन मंत्रों का विधिपूर्वक जाप किया जा सकता है।
इन मंत्र की श्रद्धापूर्वक साधना करने से जीवन में अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता तथा दुर्घटना आदि से बचाव होता है।
मंत्र :-
ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।।
उर्वारुकमिव बंधनानमृत्योर्मुक्षीय मामृतात।।
मंत्र :-
स्व:भुव: भू ॐ स: जूं हौं ॐ।।
विधि :-
महामृत्युंजय मंत्र की साधना पूर्ण श्रद्धा, विश्वास और निष्ठा के साथ विधि-विधान से करनी चाहिए। मंत्र का जाप शुरू करने से पहले शिव भगवान पर सफेद पुष्प, दूध, बेल पत्र, फल आदि अर्पित करने चाहिएं। इस मंत्र का जाप शुक्ल पक्ष के सोमवार को भगवान शिव मंदिर में करे। इससे आपको निश्चित ही सफलता की प्राप्ति होगी। अधिक जानकारी के लिए आप हमारे विशेषज्ञ से सम्पर्क कर सकते है।